National Cancer Awareness Day 2024| जानें इस खास दिन का महत्व और इतिहास
National Cancer Awareness Day 2024: आज के समय में कैसर एक ऐसी बिमारी है, जो हर देश में तेजी से फैल रही हैं। साथ हीं हर साल इस बिमारी के बारे में जागरुकता ना होने की वजह से कई लोग अपनी जान गंवा रहे हैं। ऐसे में इस घातक बिमारी से लोगों को जागरूक करने के लिए भारत में हर साल 7 नवंबर को ‘राष्ट्रीय कैंसर जागरूकता दिवस’ (National Cancer Awareness Day 2024) मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य कैंसर का जल्दी पता लगाना, रोकथाम और उपचार के बारे में जागरूकता बढ़ाना है।
यह दिन न केवल कैंसर के बारे में जानकारी रखने के महत्व पर प्रकाश डालता है, बल्कि जीवन बचाने के लिए जल्द से जल्द रोग का पता लगाना और नियमित जांच को भी महत्वपूर्ण उपकरण मानता है। वहीं आज हम आपको इस दिन के इतिहास, उद्देश्य और प्रासंगिक तथ्यों के बारें में बताने जा रहें हैं ताकि इसके महत्व को और गहराई से समझा जा सके।
राष्ट्रीय कैंसर जागरूकता दिवस का इतिहास
‘राष्ट्रीय कैंसर जागरूकता दिवस’ (National Cancer Awareness Day 2024) की शुरुआत साल 2014 में में हुई थी, जब पूर्व केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने 7 नवंबर को कैंसर के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए समर्पित दिन घोषित किया था। यह तिथि मैरी क्यूरी के सम्मान में चुनी गई थी, जिनके काम से एक्स-रे मशीनों का विकास हुआ, जो कैंसर के निदान और उपचार में एक आवश्यक उपकरण है।
इस की स्थापना लोगों को नियमित जांच करवाने और कैंसर के लक्षणों को समझने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए की गई थी ताकि बीमारी से अधिक प्रभावी ढंग से निपटा जा सके।
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कैंसर के जल्द पता लगाने का महत्व
‘राष्ट्रीय कैंसर जागरूकता दिवस’ (National Cancer Awareness Day 2024) के महत्वपूर्ण होने का एक विशेष कारण यह है कि यह जल्दी पता लगाने पर जोर देता है। प्रशम अवस्था में कैंसर का पता चलने पर इसका अक्सर बेहतर इलाज होता है और उपचार के लिए कई विकल्प उपलब्ध होते हैं। समय से पता चलने पर इंसान के जीवित रहने की दर में अच्छा सुधार हो सकता है।
उदाहरण के लिए, प्रारंभिक अवस्था में स्तन कैंसर का 5 साल तक जीवित रहने की दर लगभग 90% या उससे अधिक होती है, जबकि अंतिम अवस्था में पता लगने पर यह दर काफी कम हो जाती है।
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कैंसर के बारें में जागरुकता के लिए उठाया गया कदम
कैंसर (National Cancer Awareness Day 2024) के बारे में जागरूकता को बढ़ावा देने के लिए व्यक्तियों, समुदायों और सरकारों के सामूहिक प्रयासों की आवश्यकता होती है।
नियमित जांच
टाइम टू टाइम अपने डॉक्टर से शरीर की जांच करवाएं, खास तौर पर वो लोग जिनके परिवार में कैंसर का इतिहास रहा है।
स्वस्थ जीवनशैली
अपने खानपान में फलों और सब्जियों का भरपूर सेवन करें स्वस्थ वजन बनाए रखें और नियमित रूप से व्यायाम करें।
तम्बाकू से बचें और शराब का सेवन सीमित करें
तम्बाकू विभिन्न कैंसर का एक महत्वपूर्ण कारण है, और शराब का सेवन सीमित करने से जोखिम कम हो सकता है।
टीकाकरण
एचपीवी वैक्सीन जैसे टीके कुछ प्रकार के कैंसर को रोकने में मदद कर सकते हैं।
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सरकारी पहल और समर्थन
भारत सरकार और विभिन्न गैर-लाभकारी संगठनों ने कैंसर से लड़ने और जागरूकता फैलाने के लिए कई कार्यक्रम शुरू किए हैं। जिनके बारें में हम आपको बताने जा रहें है:
राष्ट्रीय कैंसर नियंत्रण कार्यक्रम (एनसीसीपी)
जागरूकता, रोकथाम और उपचार के माध्यम से व्यापक कैंसर देखभाल प्रदान करने के लिए शुरू किया गया।
आयुष्मान भारत योजना
यह कार्यक्रम अपनी स्वास्थ्य कवरेज योजनाओं के तहत कैंसर के इलाज के लिए पैसों की सहायता प्रदान करता है।
कैंसर अनुसंधान और संस्थान
टाटा मेमोरियल अस्पताल और विभिन्न कैंसर अनुसंधान केंद्र जैसे संस्थान बेहतर उपचार विकल्पों और जनता के लिए शिक्षा की दिशा में काम करते हैं।
कैंसर से लड़ने में समाज की भूमिका
कैंसर से जुड़े कलंक को कम करने में समाज महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। कैंसर (National Cancer Awareness Day 2024) के बारे में लोगों को शिक्षित करने से न केवल शुरुआती पहचान में मदद मिलती है, बल्कि रोगियों को भावनात्मक और मनोवैज्ञानिक रूप से भी सहायता मिलती है। एक सूचित और सहानुभूतिपूर्ण समुदाय बनाने के लिए सहायता समूह, सामुदायिक कार्यक्रम और जागरूकता अभियान आवश्यक हैं।
भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) के अनुसार, भारत में हर साल लगभग 1.3 मिलियन नए कैंसर के मामलें सामने आते हैं।
स्तन कैंसर भारतीय महिलाओं में सबसे आम प्रकार का कैंसर बना हुआ है, जबकि तंबाकू के सेवन के कारण पुरुषों में मौखिक कैंसर अधिक मात्रा में पाया जाता हैं।