Dr. CV Raman Birth Anniversary| कौन थे डॉ सी वी रमन, उनके जन्मदिन पर जानें उनकी उपलब्धियों के बारे में
Dr. CV Raman Birth Anniversary: डॉ. चंद्रशेखर वेंकट रमन आज के समय में इस नाम से कोई भी अंजान नहीं हैं। डॉ. चंद्रशेखर वेंकट रमन को डॉ. सी.वी. रमन (Dr. CV Raman Birth Anniversary) के नाम से भी जाना-जाता हैं। यह भारत के सबसे प्रसिद्ध वैज्ञानिकों में से एक हैं। इनका जन्म 7 नवंबर, 1888 को तमिलनाडु के तिरुचिरापल्ली में हुआ था।
फिजिक्स के क्षेत्र में उनके योगदान ने उन्हें वैज्ञानिक समुदाय में एक स्मारकीय व्यक्ति बना दिया है। हर साल, डॉ. सी.वी. रमन की जयंती उनकी उपलब्धियों का सम्मान करने और वैज्ञानिकों की भावी पीढ़ियों को प्रेरित करने का अवसर प्रदान करती है।
डॉ. चंद्रशेखर वेंकट रमन के बारे में (Dr. CV Raman Birth Anniversary)
डॉ. सी.वी. रमन ((Dr. CV Raman Birth Anniversary)) का जन्म एक ऐसे परिवार में हुआ था, जो शिक्षा को बहुत महत्व देता था। उनके पिता भी एक शिक्षक थे। उन्होंने उनकी शैक्षणिक गतिविधियों को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। रमन की असाधारण बुद्धिमत्ता कम उम्र से ही नजर आने लगी थी।
महज 16 साल की उम्र में, उन्होंने मद्रास (अब चेन्नई) के प्रेसीडेंसी कॉलेज में कला स्नातक की डिग्री पूरी की, विश्वविद्यालय में शीर्ष स्थान प्राप्त किया और विज्ञान में गहरी रुचि दिखाई। खास बात तो यह है कि सीमित संसाधनों के बावजूद, सीवी रमन ने अपनी शैक्षणिक यात्रा जारी रखी और अच्छे अंकों के साथ मास्टर डिग्री हासिल की। अंत में उन्होंने अपने ज्ञान से प्रकाश के रहस्यों को समझने के लिए अपने भविष्य की खोजों की नींव रखी।
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रमन इफेक्ट की खोज
डॉ. सी.वी. रमन ((Dr. CV Raman Birth Anniversary)) को साल 1928 में उनकी बेहतरीन खोज के लिए जाना-जाता हैं, जिसे ‘रमन प्रभाव’ भी कहा जाता हैं। उनकी यह खोज प्रकाश के प्रकीर्णन और विभिन्न तरंगदैर्घ्यों पर इसके प्रभाव को समझाती है।
दरअसल, डॉ रमन ने अपनी इस खोज में साबित किया कि जब प्रकाश किसी पारदर्शी पदार्थ से होकर गुजरता है, तो उसका अधिकांश भाग अपना मूल रंग बनाए रखता है। हालांकि इस प्रक्रिया के दौरान प्रकाश का एक छोटा सा अंश पदार्थ के साथ संपर्क करने के बाद अपनी तरंगदैर्घ्य बदल देता है।
रमन के प्रयोग, जिसे उन्होंने सूर्य के प्रकाश, एक प्रिज्म और एक स्पेक्ट्रोस्कोप का उपयोग करके किया था, ने इस घटना का पता लगाया।
इन उपलब्धियों से सम्मानित है डॉ. सी.वी. रमन
डॉ. सी.वी. रमन को उनकी ग्राउंडब्रेकिंग खोज के लिए साल 1930 में भौतिकी में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया, जिससे वे विज्ञान में नोबेल पुरस्कार जीतने वाले पहले एशियाई और पहले अश्वेत व्यक्ति बन गए। इस उपलब्धि ने भारतीय वैज्ञानिक अनुसंधान को विश्व मानचित्र पर ला खड़ा किया और देश के अनगिनत युवा दिमागों को प्रेरित किया।
मालूम हो कि नोबेल पुरस्कार के अलावा भी डॉ सीवी रमन को अपने पूरे जीवन में कई अन्य पुरस्कार और सम्मान भी मिले। उनके द्वारा हासिक की गई कुछ खास उपलब्धियां नीचे दी गई हैं –
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नाइट बैचलर की उपाधि
- साल 1929 में, विज्ञान में अहम योगदान के लिए डॉ रमन को ब्रिटिश सरकार द्वारा ‘नाइट’ की उपाधि दी गई।
- वहीं उन्हें साल 1954 में भारत देश के सबसे सम्मानित और सबसे बड़े पुरस्कार ‘भारत रत्न’ से भी सम्मानित किया गया।
रॉयल सोसाइटी की फ़ेलोशिप
- उन्हें उनके अग्रणी शोध के लिए 1924 में फ़ेलो के रूप में चुना गया था।
वैज्ञानिक संस्थानों में योगदान
डॉ. सी.वी. रमन (Dr. CV Raman Birth Anniversary) न केवल एक महान खोजकर्ता थे, बल्कि वैज्ञानिक संस्थानों के निर्माण में विश्वास करते थे। उन्होंने निम्नलिखित वैज्ञानिक संस्थानों के निर्माण और स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई –
भारतीय विज्ञान अकादमी (IAS) की स्थापना
- डॉ रमन ने साल1934 में बैंगलोर में स्थापित, IAS ने भारत में वैज्ञानिक अनुसंधान और विकास को बढ़ावा दिया।
भारतीय विज्ञान संस्थान (IISc) का नेतृत्व
- IISc के निदेशक के रूप में डॉ रमन ने संस्थान की खोज क्षमताओं का विस्तार किया और इसे अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर खड़े होने योग्य बनाया।
रमन अनुसंधान संस्थान (RRI) की स्थापना
- रमन की विरासत को कायम रखने वाला साल 1948 में स्थापित, RRI भौतिकी की विभिन्न शाखाओं में उन्नत शोध का केंद्र रहा है। यह ना सिर्फ उनके विज्ञान में रुचि को दर्शाता है, बल्कि युवाओं को उनके मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित भी करता है।
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भारत में ऐसे मनाई जाती है Dr. CV Raman Birth Anniversary
7 नवंबर को पूरे भारत में डॉ. रमन की जयंती ((Dr. CV Raman Birth Anniversary)) के सम्मान में ‘राष्ट्रीय विज्ञान दिवस’ के रूप में मनाया जाता है। स्कूल, कॉलेज और शोध संस्थान उनके कार्यों को श्रद्धांजलि देने और युवा मस्तिष्कों को प्रेरित करने के लिए विज्ञान मेले, व्याख्यान और प्रदर्शनियों का आयोजन करते हैं।