World Elephant Day Theme 2024| जानें इस खास दिन का इतिहास और महत्व
World Elephant Day Theme 2024: हाथी धरती पर पाया जाने वाला सबसे विशाल प्राणी है, जो स्वभाव से काफी शांत भी होते हैं। हाथी अपनी होशियारी और बुद्धि के लिए भी जाने जाते हैं। दुनियाभर में हाथियों की कई प्रजातियां रहती हैं, लेकिन अब उनकी संख्या में विश्व स्तर पर तेजी से कमी आ रही है, जिसके कारण हाथियों (World Elephant Day Theme 2024) की कई प्रजातियां तो विलुप्ती तक के कगार पर पहुंच गई हैं।
ऐसे में हाथियों के संरक्षण और उनकी सुरक्षा की तरफ लोगों को जागरुक करने के उद्देश्य से हर साल 12 अगस्त तो दुनियाभर में ‘विश्व हाथी दिवस’ (World Elephant Day) मनाया जाता है, जिसका एकमात्र उद्देश्य है पूरी दुनिया के हाथियों के प्रति जागरूकता और उनके संरक्षण को बढ़ावा देना। हाथियों की संख्या में गिरावट को देखते हुए यह बेहद जरुरी हो गया है कि लोगों को इसके प्रति जागरुक किया जाए और ‘विश्व हाथी दिवस’ इसके लिए एक अच्छा अवसर प्रदान करता है।
इतिहास (World Elephant Day History)
आपको बता दें कि ‘विश्व हाथी दिवस’ (World Elephant Day Theme 2024) मनाने की शुरूआत सिम्स और एलिफेंट की इंट्रोडक्शन फाउंडेशन द्वारा साल 2011 में हुई थी, लेकिन आधिकारिक तौर पर 12 अगस्त, 2012 को इसे मनाने की घोषणा हुई थी। पिछले एक दशक पहले हाथियों की संख्या 10 लाख तक थी जो इस समय भारी गिरावट के साथ महज 27 हजार रह गई है। ऐसे में हाथियों के संरक्षण की जरुरत बेहद आवश्यक है और इसी उद्देश्य के साथ ‘विश्व हाथी दिवस’ तो विश्व भर में मनाया जाता है।
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महत्व (World Elephant Day Importance)
गौरतलब है कि “विश्व हाथी दिवस” का उद्देश्य (World Elephant Day Theme 2024) हाथियों के लुत्प हो रही संख्या, उसके कारणों पर की ओर लोगों का ध्यान खींचना है। इसके साथ ही इसका एक लक्ष्य लोगों को उनके संरक्षण के उपायों, पुनर्वास और बेहतर स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करना और गैर कानूनी तस्करी रोकने की ओर भी प्रयास करने के लिए प्रेरित करना है।
केरल में होती है हाथियों की सबसे ज्यादा मौत
बता दें कि भारतीय वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 (Wildlife Protection Act of India, 1972) में हाथियों को सर्वोच्च दर्जा दिया गया है। ऐसा इसलिए क्योंकि हाथियों की मौत के मामले में केरल भारत का सबसे बदनाम राज्य है। वाइल्डलाइफ एसओएस द्वारा संचालित इस संरक्षण केंद्र में देश का पहला हाथी स्मारक भी बना हुआ है। Wildlife SOS देश के कोने-कोने में वन विभाग के साथ पीड़ित और गैर कानूनी रूप से बंधक हाथियों को मुक्त कराने का अभियान चलाता है।
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हाथियों से जुड़े कुछ रोचक तथ्य
- जन्म के 20 मिनट बाद ही हाथी का बच्चा खड़ा हो जाता है।
- हाथी खाने के बहुत शौकीन होते है और एक व्यस्क हाथी दिनभर में 150 किलो खाना खा लेता है।
- साथ हीं हाथी एक बार में 80 गैलन तक पानी पी सकता है।
- एक व्यस्क हाथी का वजन लगभग 5 हजार किलो तक हो सकता है।
हाथियों का संरक्षण क्यों है जरुरी? (World Elephant Day Theme 2024)
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि हाथी (World Elephant Day Theme 2024) हमारे वन्य जीवन का एक अहम हिस्सा हैं और उनका संरक्षण बेहद जरुरी है। हाथी निम्न प्रकार से विश्व भर में वन्यजीवन के लिए जरुरी हैं –
- हाथी जंगल में रहने वाले दूसरे वन्यजीव के लिए पारिस्थितिकी तंत्र को बनाए रखने में मदद करते हैं।
- एशियाई हाथियों की वैश्विक आबादी का 60 प्रतिशत से अधिक भारत में है। वर्तमान में देश के 14 राज्यों में लगभग 65000 वर्ग किलोमीटर में हाथियों के लिए 30 वन क्षेत्र सुरक्षित हैं।
- भारत में आखिरी बार हाथियों की गिनती साल 2017 में हुई थी। उस वक्त भारत में हाथियों की कुल संख्या 30 हजार थी, पर जैसे-जैसे साल आगे बढ़ रहा है इस संख्या में कमी आ रही है। एक अनुमान के अनुसार मौजूदा समय में भारत में हाथियों की संख्या 27 हजार के करीब ही रह गई है।
- हाथी झुंड में चलते हैं, जिससे घने जंगलों में दूसरे जानवरों के लिए रास्ता अपने आप ही बन जाता है।
- हाथी धरती पर सबसे बड़े ज़मीनी जानवर हैं। वे बुद्धिमान, सामाजिक प्राणी हैं जो झुंड में रहते हैं। हाथियों की दो प्रजातियाँ हैं: अफ़्रीकी हाथी और एशियाई हाथी।