World Organ Donation Day Theme 2024| जानें क्या है इस खास दिन का इतिहास और महत्व
World Organ Donation Day Theme 2024: हर साल 13 अगस्त को दुनियाभर में ‘विश्व अंगदान दिवस’ (World Organ Donation Day) के रूप में मनाया जाता है। यह एक वैश्विक कार्यक्रम है, जिसका मकसद लोगों को अंगदान के महत्व को समझाना और इसके लिए उन्हें जागरुक करना है। इसके साथ हीं इस दिन (World Organ Donation Day Theme 2024) का एक खास उद्देश्य लोगों के बीच अंगदान के बारे में सभी मिथकों और गलत धारणाओं को दूर करने का भी है।
अंगदान के शक्तिशाली और परिवर्तनकारी कार्य में जीवन बचाने, स्वास्थ्य में सुधार करने और पूरे समाज पर लाभकारी प्रभाव डालने की क्षमता है। ऐसे में दुनियाभर के लोगों को इसके बारे में जागरुक होना बेहद जरुरी है कि एक इंसान अपनी मृत्यू के बाद भी अंगदान के जरिए ना कई लोगों की जिंदगी बचा भी सकता है और साथ हीं एक नई जिंदगी भी दे सकता है। ऐसे में अगर दुनियाभर के लोग अंगदान के बारे में जागरुक हो गए, तो हर साल लाखों जिंदगियां बचाई जा सकती हैं।
इतिहास और महत्व (World Organ Donation Day History & Importance)
हर साल 13 अगस्त को ‘विश्व अंगदान दिवस’ (World Organ Donation Day Theme 2024) हर साल इसलिए मनाया जाता है, क्योंकि यह हमारे आसपास अंगदान को लेकर फैली गलतफहमियों को दूर करने का अवसर प्रदान करता है। साथ हीं हमें आसपास के लोगों के बीच अंगदान के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ानी चाहिए और उन्हें समझाना चाहिए कि यह कैसे लाखों लोगों की जान बचा सकता है।
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ऐसा कहा जाता है कि एक अंग दाता लगभग सात लोगों की जान बचा सकता है। तो अगर दुनियाभर के लाखों लोग इस बारे में जागरुक हो गए, तो सभी मिलकर करोड़ों लोगों की जिंदगी बदल सकते हैं और बचा भी सकते हैं। 18 वर्ष से अधिक आयु का कोई भी व्यक्ति अपना अंग दान करके जीवित दाता बन सकता है। केवल कैंसर, एचआईवी या रक्तप्रवाह या शरीर के ऊतकों में बीमारी पैदा करने वाले बैक्टीरिया से पीड़ित लोगों को ही अंग दान करने से मना किया जाता है।
कौन-कौन से अंग किए जा सकते हैं दान?
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि एक इंसान कुछ खास अंगों या टिशूज का दान (World Organ Donation Day Theme 2024) कर सकता है।
- अगों में आप गुर्दे, हृदय, फेफड़े, लिवर, पेट, आंत और पेनक्रियाज का डोनेशन कर सकते हैं।
- वहीं टिशूज में हृदय वाल्व और टिशूज, पेनक्रियाज आइलेट्स, हड्डी और टेंडन, त्वचा और आंख दान किया जा सकता है।
मालूम हो कि अंग दान के कार्य को दो महत्वपूर्ण प्रकारों में विभाजित किया गया है, जीवित दाता और शव दाता (गैर-जीवित दाता)।
जीवित दाता किन-किन अंगों का दान कर सकता है?
- एक गुर्दा
- एक फेफड़ा
- यकृत का एक भाग
- अग्न्याशय का एक हिस्सा
- आंत का एक हिस्सा
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शव दाता (गैर-जीवित दाता) किन-किन अंगों का दान कर सकता है?
- गुर्दे
- जिगर
- फेफड़े
- दिल
- अग्न्याशय
- आंत
- हाथ और चेहरा
क्यों जरूरी है अंगदान?
मेडिकल एक्सपर्ट्स की मानें तो भारत के मुकाबले विदेशों में अंगदान (World Organ Donation Day Theme 2024) दर अधिक है। जाहिर तौर पर इसका एक मुख्य कारण हो सकता है शिक्षा और जागरुकता। ये सच जरुर है कि लोग अपने अंगों का दान करके कई लोगों का जीवन बचा सकते हैं, लेकिन यह तभी मुमकिन है जब कोई व्यक्ति अपना ऑर्गन किसी को डोनेट करे।
कौन नहीं कर सकता अंगदान?
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि एक स्वस्थ व्यक्ति आराम से अपनी मर्जी से अपने अंगों का दान कर सकता है, लेकिन चिकित्सा क्षेत्र में कुछ लोगों को अंगदान (World Organ Donation Day Theme 2024) करने की मनाही भी होती है। दरअसल, कुछ गंभीर बीमारी से पीडित लोगों को अंगदान करने से रोका जाता है, जिसमें कैंसर, एचआईवी, संक्रमण या इंट्रावेनस (आईवी) और दमा जैसी बीमारियां शामिल हैं।
ऐसा इसलिए किया जाता है, ताकि अंगदान के बाद एक बीमारी से ग्रस्थ व्यक्ति की बीमारी दूसरे व्यक्ति में ना जा सके। हालांकि, इसके बावजूद भी यदि कोई व्यक्ति चाहे तो खुद को एक डोनर के रूप में रजिस्टर हो सकता है, क्योंकि मौत के समय इसका विस्तृत मूल्यांकन होता है कि अंग प्रत्यारोपण के लिए सही है या नहीं।