Pregnancy and Infant Loss Remembrance Day 2024| जानें क्या है इस दिन का महत्व और इतिहास
Pregnancy and Infant Loss Remembrance Day 2024 Theme: आज के समय में आधुनिक चाल ढाल और खान पान की वजह से मानव शरीर स्वस्थ नहीं रहता है, जिसके कारण शरीर में कई प्रकार की बीमारियां रहती हैं। खासतौर पर ये छोटी बीमारियां लड़कियों के शरीर पर ज्यादा प्रभाव डालती है, जिसके कारण भविष्य में उन्हें गर्भ के दौरान काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। कई बार तो गर्भावस्था के दौरान शिशु की पेट में हीं मृत्यु हो जाती है।
ऐसे में हर साल 15 अक्टूबर को दुनियाभर में ‘गर्भावस्था और शिशु हानि स्मृति दिवस’ (Pregnancy and Infant Loss Remembrance Day) सेलिब्रेट किया जाता है, जिसका उद्देश्य गर्भावस्था और शिशु हानि अर्थात गर्भपात, मृत जन्म और नवजात शिशु की मृत्यु के बारे में जागरूकता बढ़ाना है। यह उन शिशुओं को याद करने का दिन है, जो इस दुनिया में जन्म लेने से पहले हीं अपनी जान गंवा देते हैं। इसके साथ हीं यह दिन उन लोगों का समर्थन भी करता है, जिन्होंने इस प्रकार का नुकसान झेला है।
क्यों है जरुरी?
आंकड़ों की मानें तो आज के समय में हर 4 में से 1 गर्भावस्था गर्भपात में समाप्त होती है, जबकि 160 में से 1 गर्भावस्था मृत जन्म में समाप्त होती है। इसके अलावा हर 1000 में से 1 नवजात शिशु की मृत्यु हो जाती है। ऐसे में इससे यह साफ हो जाता है कि आज के समय में गर्भावस्था और शिशु की मृत्यु आश्चर्यजनक रूप से आम बात है। ऐसे में इसी के बारे में लोगों को जागरुक करने और गर्भपात के दौरान खो गए शिशुओं को याद करने के लिए हर साल 15 अक्टूबर को ‘गर्भावस्था और शिशु हानि स्मृति दिवस’ मनाया जाता है।
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आज के समय में गर्भपात भले हीं एक आम बात बन गई हो, लेकिन आज भी इसे कलंकित माना जाता है और इसे अनुभव करने वाले कई लोग अकेले और असहाय महसूस करते हैं। ऐसे में ‘गर्भावस्था और शिशु हानि स्मृति दिवस’ (Pregnancy and Infant Loss Remembrance Day 2024) ऐसे हीं समय में अपनी जिंदगी खो देने वाले शिशुओं को याद करने का दिन है और साथ हीं जिन्होंने इस क्षति का अनुभव किया है, उन्हें यह बताने का भी दिन है कि वो अकेले नहीं हैं।
कब हुई थी शुरूआत?
दरअसल, ‘गर्भावस्था और शिशु हानि स्मृति दिवस’ की स्थापना सबसे पहले साल 2002 में रॉबिन बेयर, लिसा ब्राउन और टैमी नोवाक द्वारा की गई थी, जो तीन माताएँ थीं। इन तीनों ने इस पहल की शुरूआत की, क्योंकि तीनों माताओं ने जन्म से पहले हीं अपने शिशुओं को खोने का अनुभव किया था। वे उन सभी शिशुओं की याद में एक दिन बनाना चाहते थे जो खो गए थे और साथ हीं भविष्य के लिए लोगों को जागरुक भी करना चाहते थे।
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बता दें कि इस दिन (Pregnancy and Infant Loss Remembrance Day 2024) को सबसे पहले संयुक्त राज्य अमेरिका में सेलिब्रेट किया गया था, जिसकी वजह से ये अंतर्राष्ट्रीय दिवस बन गया। 15 अक्टूबर 2006 को संयुक्त राज्य अमेरिका की कांग्रेस ने इस दिन को ‘राष्ट्रीय गर्भावस्था और शिशु हानि स्मरण दिवस’ के रुप में नामित करने का प्रस्ताव पेश किया था।
Pregnancy and Infant Loss Remembrance Day 2024 Theme
आपको बता दें कि ‘गर्भावस्था और शिशु हानि स्मृति दिवस’ (Pregnancy and Infant Loss Remembrance Day 2024) के लिए कोई थीम निर्धारित नहीं की जाती है, लेकिन इस दिन को मोमबत्ती जलाकर मनाया जाता है तथा विश्व भर में इमारतों और स्मारकों पर प्रकाश डाला जाता है, जिसे प्रकाश की लहर कहा जाता है। यह दिवस को संयुक्त राज्य अमेरिका, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, आयरलैंड और यूनाइटेड किंगडम सहित कई देशों में मनाया जाता है।