Nagasaki Day 2024| जब ‘फैट-मैन’ की तबाही के सामने झुक गया जापान, जानें पूरा इतिहास
Nagasaki Day 2024: विश्व युद्ध 2 के दौरान जापान सबसे ताकतवर देशों में से एक माना जा रहा था औऱ विपक्षी देशों पर लगातार हमले कर रहा था। इसी घमंड में जापान ने अमेरिका के नेवल बेस पर हमला कर दिया, जिसका बदला लेने के लिए अमेरिका ने सबसे पहले 6 अगस्त 1945 को जापान के हिरोशिमा शहर पर ‘लिटिल बॉय’ नामक परमाणु बम गिराया। हालांकि जापान का ये दर्द ही काफी नहीं था।
इसके ठीक 3 दिन बाद हीं अमेरिका ने जापान के दूसरे शहर नागासाकी (Nagasaki Day 2024) पर 9 अगस्त 1945 को एक और परमाणु बम गिराया, जिसका नाम था ‘फैट-मैन’। इस दूसरे परमाणु बम की तबाही ने जापान को बाकी देशों के आगे आत्मसमर्पण करने पर मजबूर कर दिया। नगासाकी में परमाणु हमले को 80 साल पूरे होने वाले हैं, लेकिन आज भी इस नरसंहार को इतिहास में भूला नहीं जा सकता है।
नागासाकी परमाणु बमबारी (Nagasaki Bombarding Incident)
6 अगस्त को अमेरिका ने हिरोशिमा पर ‘लिटिल बॉय’ परमाणु बम गिराकर जापान को कभी ना भूलने वाला दर्द दिया, जिसके फटते हीं हिरोशिमा और आस-पास के क्षेत्रों का तापमान 4000 डिग्री सेल्सियस से भी ऊपर चला गया। इस दौरान लगभग 1,40,000 मासूम लोग महज चंद सेकेंड में मौत की नींद सो गए, लेकिन इसके बावजूद जापान दुनिया के आगे झुकने को तैयार नहीं था।
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ऐसे में 9 अगस्त 1945 को अमेरिकी मेजर चार्ल्स स्वीनी ने टिनियन से एक और बी-29 बमवर्षक, बॉक्सकार उड़ाया, जिसका प्राथमिक लक्ष्य था कोकुरा शहर की तबाही। हालांकि कोकुरा के ऊपर घने बादलों के कारण लक्ष्य को बदलना पड़ा और तब अमेरीकी सेना का दूसरा लक्ष्य बना नागासाकी शहर। इसी कारण अमेरिकी सेना ने नागासाकी को तबाह करके जापान को दूसरा दर्द दिया और उन्हें सरेंडर करने पर मजबूर कर दिया।
नागासाकी पर ‘फैट-मैन’ की तबाही (Nagasaki Day 2024)
अमेरिकी मेजर चार्ल्स स्वीनी ने 9 अगस्त 1945 की सुबह 11:02 मिनट पर नागासाकी (Nagasaki Day 2024) के ऊपर परमाणु बम गिराया, जिसका नाम था ‘फैट-मैन’। रिपोर्ट्स की मानें तो ये परमाणु बम हिरोशिमा में इस्तेमाल किए गए बम से ज़्यादा शक्तिशाली था। इस बम का वजन लगभग 10,000 पाउंड था और इसे 22 किलोटन का विस्फोट करने के लिए बनाया गया था। क्योंकि नागासाकी पहाड़ों के बीच संकरी घाटियों में बसी थी, इसलिए लिटिल बॉ़य से ज्यादा शक्तिशाली होने के बावजूद फैट-मैन का प्रभाव कम रहा और घाटियों के बीच इसकी तबाही का मंजर 2.6 वर्ग मील तक सीमित हो गया।
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हालांकि इसके बावजूद नागासाकी (Nagasaki Day 2024) की तबाही इस परमाणु बम से नहीं बच सकी। इस परमाणु बम का असर ऐसा था कि वहां के लोगों को सोचने तक का समय नहीं मिला कि ये क्या हुआ। सभी लोग मौत की चपेट में आ गए। नागासाकी शहर पहाड़ो से घिरा होने के कारण करीब 6.7 वर्ग किलोमीटर के इलाके में ही तबाही का मंजर देखने को मिला, जिसमें कम से कम 75 हजार लोगों की मौत हो गई थी।
कई सालों तक मरते रहे लोग
‘लिटिल बॉय’ के बाद ‘फैट-मैन’ द्वारा दी गई इस चोट को जापान (Nagasaki Day 2024) झेल ना सका और उसने विपक्षी देशों के सामने आत्मसमर्ण कर दिया। इन दोनों बमों से तत्काल तो 2 लाख से भी ज्यादा लोगों की मौत हुई, लेकिन इसके बाद भी इन दोनों शहरों में रहने वाले लोग विकिरण बीमारी, जलन और अन्य घावों के कारण मरते रहे। यहां तक कि कई सालों तक इस दोनों शहरों और आसपास के क्षेत्रों में बच्चे अपंग पैदा होते रहे।
जापान ने ली परमाणु बम नहीं बनाने की कसम
आपको बता दें कि इस परमाणु बम की तबाही और मौत की बारिश को देखते हुए जापान ने परमाणु शक्ति के शांतिपूर्ण (Nagasaki Day 2024) के दो शहरों को तबाह करने और लाखों लोगों की जिंदगियां खाने के बाद भी आज तक अमेरिका ने इसके लिए माफी नहीं मांगी है।