Hiroshima Day 2024| 79 साल पहले जब ‘लिटिल बॉय’ ने हिरोशिमा में ला दिया था तबाही का मंजर
Hiroshima Day 2024: 79 साल पहले 6 अगस्त 1945 का दिन जापान के लिए एक कभी ना भूले जाने वाले सपने की तरह है, क्योंकि इस दिन जापान ने तबाही का मंजर देखा था। इस दिन ‘वर्ल्ड वार 2’ (World War 2) के दौरान अमेरिका ने जापान के शहर हिरोशिमा पर परमाणु बम गिराया था, जिसका नाम था ‘लिटिल बॉय’। इस परमाणु बम का असर कुछ इतना खतरनाक था कि देखते ही देखते पूरा शहर पल भर में ही मिट्टी में मिल गया था, जिसके निशान आज भी वहां पर मौजूद हैं।
Hiroshima Day 2024
इस दिन जापान ने जो तबाही का मंजर देखा था, शायद ही उसे इतिहास में भूला जा सकता है। ‘लिटिल बॉय’ नामक अमेरिकी न्यूक्लियर बम ने हिरोशिमा शहर में गिरते हीं…4000 डिग्री से भी ज्यादा की गर्मी पैदा की, जिससे इंसान, जीव और जानवर क्या….ईट और पत्थर तक पिघल के मिट्टी बन गए और देखते ही देखते पल भर में शहर तबाह हो गया। केवल हिरोशिमा ही नहीं बल्कि इसके तीन दिन बाद नागासाकी में भी परमाणु बम गिराकर अमेरिका ने यहां भी तबाही मचा दी थी। तभी से 6 अगस्त को हर साल ‘हिरोशिमा डे‘ (Hiroshima Day 2024) के रुप में मनाया जाता है।
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इतना ही नहीं बल्कि हिरोशिमा पर परमाणु हमले के महज 3 दिन बाद हीं अमेरिका ने जापान को दूसरा दर्द भी दिया था, जब अमेरिका ने जापान के दूसरे शहर नागासाकी पर एक और परमाणु हमला किया था। बता दें कि अमेरिका ने हिरोशिमा पर जिस बम को गिराया था, उसका नाम ‘लिटिल बॉय’ (Little Boy) था, जबकि नागासाकी पर गिराया गया बम फैट मैन (Fat Man) था। इस हमले में लाखों की मौत हो गई थी और इस दर्द के कारण जापान ने विश्व युद्ध में आत्मसमर्पण कर दिया था।
लाखों जिंदगियों के वो आखिरी 43 सेकेंड
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि जापानी रडारों ने दक्षिण की ओर से 6 अगस्त, 1945 को सुबह 7 बजे आ रहे अमेरिकी विमानों को देख लिया था, जिसके तुरंत बाद पूरे देशभर में चेतावनी का सायरन बजाया गया। लोग डरे सहमे बस अपनी जिंदगी की प्रार्थना करने में लग गए। 8 बज कर 15 मिनट पर अमेरिकी वायु सेना के कर्नल पॉल टिबेट्स ने अपने बी-29 विमान (एनोला गे) से हिरोशिमा के ऊपर लिटिल बॉय को गिरा दिया।
इस परमाणु बम को नीचे आने में लगभग 43 सेकेंड का समय लगा और ये उन लाखों जिंदगियों के लिए आखिरी 43 सेकेंड बन गए। ‘लिटिल बॉय’ परमाणु बम अपने लक्ष्य से 250 मीटर की दूरी पर गिरा, जिसका वजन करीब चार टन यानी चार हजार किलो वजन का था। इस लिटिल बॉय में करीब 65 किलो यूरेनियम भरा हुआ था। इस बम के फटते हीं जापान के हिरोशिमा का तापमान 4000 डिग्री सेल्सियस के पार चला गया। हिरोशिमा (Hiroshima Day 2024) पर गिरे इस परमाणु बम ने लगभग 1,40,000 मासूम लोगों को मौत की नींद सुला दिया।
क्यों मनाया जाता है ‘हिरोशिमा डे’? (Why Hiroshima Day Is Celebrated?)
दरअसल, अमेरिका द्वारा जापान के दो शहरों हिरोशिमा और नागासाकी पर गिराया गया बम और लाखों लोगों की मौत इतिहास के पन्नों में काला अध्याय के नाम से दर्ज है। ऐसे में हर साल 6 अगस्त को शांति की राजनीति को बढ़ावा देने और इस काले दिन को याद करते हुए हिरोशिमा डे (Hiroshima Day) के रूप में मनाया जाता है।
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परमाणु हमले के बाद जापान ने किया था आत्मसमर्पण
दरअसल, विश्व युद्ध 2, जो कि एक सितंबर, 1939 में शुरू हुआ था….लगभग 6 साल के बाद भी थमने का नाम नहीं ले रहा था। इस दौरान जापान (Hiroshima Day 2024) की ताकत एक अलग स्केल पर नापी जाती थी, जिससे कई देश खौफ खाते थे और जापान भी लगातार हमले पर हमले करता जा रहा था। इस बीच जापान ने अमेरिका के नौसैनिक अड्डे पर्ल हार्बर पर एयरस्ट्राइक कर दिया। ऐसे में जापान को रोकने और बदला लेने के लिए अमेरिका ने ये परमाणु हमले किए थे, जिसने जापान को कुछ ऐसा दर्द दिया, जो कभी भुलाया नहीं जा सकता है।
इस 2 हमलों ने जापान के 2 शहरों में मौत की बारिश कर दी, जिसने पूरी दुनिया का दिल दहला कर रख दिया। अपने दो शहरों को बुरी तरह से जलता देख आखिरकार जापान ने अमेरिका के सामने सरेंडर किया, जिसके बाद द्वितीय विश्व युद्ध का अंत हुआ। इस हमले के बाद भी कई लोग रेडियोएक्टिव यानी कि काली बारिश की चपेट में भी आए और इस चोट के बाद जापान ने 14 अगस्त 1945 को मित्र राष्ट्रों के सामने आत्मसमर्पण कर दिया था।
जापान ने ली थी परमाणु बम नहीं बनाने की कसम
आपको बता दें कि इस परमाणु बम की तबाही और मौत की बारिश को देखते हुए जापान ने परमाणु शक्ति के शांतिपूर्ण इस्तेमाल और कभी परमाणु बम नहीं बनाने का संकल्प लिया। वहीं आपको जानकर हैरानी होगी कि जापान (Hiroshima Day 2024) के दो शहरों को तबाह करने और लाखों लोगों की जिंदगियां खाने के बाद भी आज तक अमेरिका ने इसके लिए माफी नहीं मांगी है।
कई सालों तक रहा ‘लिटिल बॉय’ का असर
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि हिरोशिमा (Hiroshima Day 2024) पर परमाणु बम ‘लिटिल बॉय’ का असर सिर्फ उस समय नहीं बल्कि सालों तक हिरोशिमा और आस-पास के शहरों के लिए एक अभिषाप बन गया। दरअसल, इस बम ने उस समय तो लगभग डेढ़ लाख लोगों को मौत के घाट उतारा हीं। वहीं परमाणु हमले का असर ऐसा था कि इस शहर के आसपास बसे शहरों में भी परमाणु विकिरण के कारण कई सालों तक अपंग बच्चे पैदा होते रहें।
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