International Literacy Day 2024 Theme| जानें कब और क्यों मनाया जाता है अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस और क्या है इसका इतिहास और महत्व
International Literacy Day 2024 Theme: किसी भी देश के विकास के लिए युवाओं की भूमिका सबसे अहम मानी जाती है, लेकिन उसमें भी युवाओं का साक्षर होना आवश्यक है। साक्षरता उन्नति और विकास का कारक बन सकती है। ऐसे में शिक्षा के इसी महत्व को लोगों के दिल में जागरुक करने के लिए हर साल 8 सितंबर को दुनियाभर में ‘अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस’ (International Literacy Day) मनाया जाता है।
साक्षरता दिवस एक वैश्विक स्तर पर मनाया जाने वाला दिन है, जिसे हर साल सितंबर महीने में मनाते हैं। इस दिन पर लोगों को शिक्षा के महत्व से जागरुक कराने के लिए विभिन्न प्रोगाम आयोजित किए जाते हैं। भारत में भी इस खास दिन का महत्व बेहद खास है। तो आइए जानते हैं कि आखिर ‘अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस’ का इतिहास और महत्व क्या है और इस साल के लिए इसकी थीम (International Literacy Day 2024 Theme) क्या रखी गई है –
इतिहास (International Literacy Day 2024 History)
आपको बता दें कि यूनेस्को ने ‘अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस’ (International Literacy Day 2024 Theme) मनाने का फैसला 7 नवंबर 1965 में लिया था। इसका उद्देश्य लोगों को साक्षरता के महत्व और लाभ के प्रति जागरूक करने और शिक्षा ग्रहण करने के लिए प्रेरित करने का था। हालांकि इसकी शुरुआत अगले साल 8 सितंबर 1966 को हुई थी और तभी से इस दिन विश्वस्तर पर ‘अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस’ मनाया जाने लगा।
महत्व (International Literacy Day 2024 Importance)
विश्वभर में लोगों का साक्षर होना बेहद जरुरी है। साक्षरता वह सीढ़ी है, जो ग्लोबल स्तर पर किसी देश के विकास में अहम किरदार निभाती है। साक्षरता विकास के साथ ही समाज में सम्मान दिलाता है। अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस इस बात की एक महत्वपूर्ण याद दिलाता है कि साक्षरता व्यक्तिगत सशक्तिकरण और समग्र रूप से समाज की उन्नति दोनों के लिए कितनी महत्वपूर्ण है।
साक्षरता सामाजिक प्रगति को बढ़ावा देने, आर्थिक समृद्धि में योगदान देने, गरीबी को कम करने और सामाजिक समावेशन को बढ़ाने में एक आधारभूत तत्व है। ऐसे में ‘अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस’ (International Literacy Day 2024 Theme) व्यक्तियों को व्यक्तिगत विकास, वृद्धि और आजीवन सफलता के लिए आवश्यक ज्ञान और कौशल से लैस करने में साक्षरता की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डालता है।
आज के युवाओं को इस बात का पता होना चाहिए की साक्षरता सिर्फ पढ़ने-लिखने का नाम नहीं है, बल्कि इसमें जानकारी को समझने और उसका विश्लेषण करने की क्षमता भी शामिल है, जो सूचित विकल्प बनाने और जीवन की गुणवत्ता में सुधार करने के लिए महत्वपूर्ण है।
International Literacy Day 2024 Theme
हर साल विश्व भर में ‘अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस’ को एक अलग थीम के साथ मनाया जाता है। साल 2024 के लिए इस खास दिन का थीम (International Literacy Day 2024 Theme) है, “बहुभाषी शिक्षा को बढ़ावा देना: आपसी समझ और शांति के लिए साक्षरता” (Promoting multilingual education: Literacy for mutual understanding and peace)। वहीं साल 2023 के लिए साक्षरता दिवस का थीम रखा गया था, “परिवर्तनशील दुनया में साक्षरता को बढ़ावा देना: स्थायी और शांतिपूर्ण समाज की नींव का निर्माण करना” (Promoting literacy for a world in transition: Building the foundation for sustainable and peaceful societies)।
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भारत में साक्षरता का दर
पिछले कुछ समय के राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) के सर्वेक्षण की मानें तो भारत में साक्षरता दर लगभग 7.7 प्रतिशत है। साथ हीं इस रिपोर्ट में केरल को भारत का सबसे ज्यादा साक्षरता दर वाला राज्य बताया गया है। केरल भारत का एकमात्र ऐसा राज्य है, जहां का साक्षरता दर 92 प्रतिशत से भी ज्यादा है। ऐसे में आइए भारत के कुछ अन्य सबसे ज्यादा साक्षरता दर वाले राज्यों की लिस्ट पर भी नजर डाल लेते हैं।
राज्य | साक्षरता दर |
केरल | 92.2% |
लक्ष्यद्वीप | 91.85% |
मिजोरम | 91.33% |
राजस्थान | 66.1% |
अरुणाचल प्रदेश | 65.3% |
बिहार | 61.8% |