Independence Day 2024 Theme| 200 सालों की गुलामी के बाद भारत की आजादी का महापर्व

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Independence Day 2024 Theme

Independence Day 2024 Theme: 15 अगस्त… भारत देश के लिए वो दिन जो कभी भुलाया नहीं जा सकता। यह दिन 1947 की ऐतिहासिक घटना को दर्शाता है, जब भारत को लगभग 200 सालों की गुलामी के बाद ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन से आज़ादी मिली थी। स्वतंत्रता के इस संग्राम में ना जाने कितने स्वतंत्रता सेनानियों ने अपने प्राणों की आहुति दी और आखिरकार देश का आजाद करवाया। इसी उद्देश्य के रुप में हर साल 15 अगस्त को भारत में स्वतंत्रता दिवस (Independence Day 2024) मनाया जाता है।

स्वतंत्रता के लिए संघर्ष की विशेषता एक लंबे और कठिन अभियान से थी जिसमें कई स्वतंत्रता सेनानियों और नेताओं ने भाग लिया था। इस दौरान कई सेनानी मौत के घाट उतार दिए गए, तो कईयों ने हंसते-हंसते अपने जान की कुर्बानी दे दी। कईयों ने सालों तक कैद में रहकर भी स्वतंत्रता संग्राम की लड़ाई की और कईयों ने अहिंसक विरोध और सविनय अवज्ञा की राह को अपनाकर अंग्रेजों को झुकने पर मजबूर कर दिया। तब जाकर मिली थी भारत को इस 200 साल की गुलामी से आजादी।

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भारत इस साल अपनी आजादी की 78वीं वर्षगाठ मना रहा है। ये दिन उन सभी शहीदों की कुर्बानियों को याद करने के लिए है, जिन्होंने अंग्रेजों के सामने घुटने नहीं टेके और अपने प्राणों की आहुति देकर भी हमारे देश (Independence Day 2024 Theme) के गौरव और शान को बचाने के लिए लड़ाई लड़ी।

साल 2024 हमें याद दिलाता है कि हमारे देश को आजाद हुए कुल 78 वर्ष हो चुके हैं और हमें अब एक सफल और समृद्ध भविष्य की तरफ मिलकर कदम बढ़ाना है। ऐसे में सरकार के दृष्टिकोण के अनुरूप, इस वर्ष की थीम स्वतंत्रता की शताब्दी वर्ष 2047 तक भारत के विकसित राष्ट्र बनने की दिशा में यात्रा पर जोर देती है।

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इतिहास (India Struggle For Independence)

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी 1600 के दशक की शुरुआत में व्यापार के उद्देश्य से भारत आई थी, लेकिन धीरे-धीरे इसने भारतीय उपमहाद्वीप पर अपना प्रभाव और नियंत्रण बढ़ाया और भारत पर कब्जा करने का मन बना लिया। साल 1757 में प्लासी की लड़ाई के बाद ब्रिटिश कंपनी को अच्छा मौका नजर आया और उन्होंने भारत पर अपना शासन स्थापित करना शुरू कर दिया।

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यहां से शुरू हुई थी भारतीय लोगों के उत्पीड़न और गुलामी की कहानी। 19वीं सदी के मध्य तक, ब्रिटिश क्राउन ने प्रत्यक्ष नियंत्रण ले लिया था। हालांकि तब कुछ क्रांतिकारियों ने गुलामी के मानने से इंकार किया और यहां से शुरू हुई ब्रिटिश शासन के खिलाफ विद्रोह की कहानी। साल 1857 के भारतीय क्रांतिकारियों ने विद्रोह की पहली नींव रखी, जिसमें भले ही उन्हें हार का सामना करना पड़ा, लेकिन इसे आजादी (Independence Day 2024 Theme) की पहली लड़ाई का नाम दिया गया।

भारत के क्रांतिकारियों के इस साहस को देखते हुए ब्रिटिश क्राउन ने साल 1858 में औपचारिक रूप से ब्रिटिश राज की स्थापना कर दी। हालांकि आजादी के पहले संग्राम के बाद लोगों के दिल में चिंगारी भभक उठी थी। इसके बाद समय-समय पर महात्मा गांधी से लेकर कई सेनानियों द्वारा कई मोर्चे खोले गए, जिसने ब्रिटिश शासन को जड़ से हिला कर रख दिया।

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साल 1947 का इतिहास

कई विद्रोह और भारतीय सेनानियों और नेताओं के साहस के बाद आखिरकार 4 जुलाई, 1947 को ब्रिटिश हाउस ऑफ़ कोलोनियल्स में भारतीय स्वतंत्रता विधेयक पेश किया गया। इसके बाद 18 जुलाई, 1947 को अंग्रेजों ने भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम लागू किया और यह पूरा अधिनियम भारतीय स्वतंत्रता (Independence Day 2024 Theme) आंदोलन का कारण बना, जो लंबे समय तक सक्रिय रहा। ऐसे में आखिरकार 15 अगस्त, 1947 को 200 साल बाद ब्रिटिश प्रभुत्व समाप्त हो गया और भारत को लगभग 2 शताब्दी के बाद अंग्रेजों की गुलामी से आजादी मिली।

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वहीं इसी दिन ब्रिटिश सरकार और जवाहरलाल नेहरू, सरदार वल्लभभाई पटेल और मुहम्मद अली जिन्ना सहित भारतीय नेताओं के बीच बातचीत के बाद देश को दो अलग-अलग राष्ट्रों में विभाजित करने का निर्णय लिया गया: भारत और पाकिस्तान। इसका उद्देश्य मुसलमानों के लिए एक अलग राज्य की जिन्ना के नेतृत्व वाली मुस्लिम लीग की मांगों को संबोधित करना था।

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15 अगस्त 1947…भारत के आजादी का दिन

15 अगस्त, 1947 को भारत को आधिकारिक तौर पर स्वतंत्रता (Independence Day 2024 Theme) मिली। इसके बाद भारत की सत्ता पंडित जवाहरलाल नेहरू के हाथों में दी गई, जिन्होंने इस दिन पहली बार भारत के पहले प्रधानमंत्री के रुप में भारतीय राष्ट्रीय ध्वज फहराया। साथ हीं उन्होंने इस दिन भारतीय प्रधानमंत्री के रुप में पहली बार स्पीच दी, जिसे जिसे “ट्रिस्ट विद डेस्टिनी (Tryst with Destiny)” भाषण के नाम से जाना जाता है। वहीं स दिन उपमहाद्वीप का भारत और पाकिस्तान में विभाजन भी हुआ, जिससे महत्वपूर्ण जनसांख्यिकीय बदलाव और सांप्रदायिक हिंसा हुई।