YouTube New Policy: अगर आप YouTube पर वीडियो बनाते हैं या फिर वहां लाइवस्ट्रीमिंग करते हैं, तो ये खबर आपके लिए जरूरी है। YouTube ने अपनी लाइवस्ट्रीमिंग पॉलिसी में बड़ा बदलाव किया है, जो सीधे तौर पर लाखों छोटे क्रिएटर्स को प्रभावित करेगा। YouTube ने ये बदलाव बच्चों की ऑनलाइन सेफ्टी को ध्यान में रखते हुए किया है।
बीते कुछ समय से बच्चों से जुड़े कंटेंट पर सुरक्षा को लेकर कई सवाल उठ रहे थे। कंपनी का कहना है कि ये नियम प्लेटफॉर्म को ज्यादा सुरक्षित और जिम्मेदार बनाने के लिए लाया गया है।

यह है YouTube का नया नियम
बता दें कि 22 जुलाई 2024 से YouTube पर लाइवस्ट्रीम करने के लिए आपकी उम्र कम से कम 16 साल होनी चाहिए। पहले ये लिमिट सिर्फ 13 साल थी। यानी 13 से 15 साल तक के जो यूट्यूब क्रिएटर्स हैं, वो अब अपने चैनल से खुद से लाइव नहीं आ सकते। YouTube ने इसके लिए एक तरीका भी दिया है।
वह वयस्क उस यूट्यूबर के चैनल का एडिटर, मैनेजर या ओनर बन सकता है। यानी उस चैनल की सेटिंग्स में जाकर उस वयस्क को अधिकार दिए जा सकते हैं। फिर वह वयस्क खुद उस चैनल से लाइवस्ट्रीम शुरू कर सकता है और ऑडियंस तक कंटेंट पहुंचा सकता है।
इसका मतलब यह है कि 16 साल से कम उम्र के क्रिएटर को बिना किसी वयस्क की मदद के लाइवस्ट्रीम करने की अनुमति नहीं है। इससे बच्चों की सुरक्षा बनी रहती है और किसी भी तरह का गलत कंटेंट या एक्सपोजर कंट्रोल में रहता है। YouTube बच्चों से जुड़े कंटेंट पर काफी सख्त हो चुका है क्योंकि पहले कई बार ऐसे मामलों में विवाद हो चुके हैं। इसी वजह से ये नए नियम लाए गए हैं ताकि यूट्यूब एक सुरक्षित प्लेटफॉर्म बना रहे, खासकर नाबालिग क्रिएटर्स के लिए।
बढ़ेगा फैमिली लाइवस्ट्रीमिंग का ट्रेंड
अब YouTube पर फैमिली लाइवस्ट्रीमिंग का नया ट्रेंड देखने को मिल सकता है। दरअसल, प्लेटफॉर्म ने अपनी गाइडलाइंस में बदलाव करते हुए ये साफ कर दिया है कि 16 साल से कम उम्र के बच्चे अब अकेले लाइव नहीं आ सकते। इसका सीधा मतलब ये है कि अगर कोई बच्चा YouTube पर लाइव आना चाहता है, तो उसके साथ पैरेंट्स या कोई बड़ा अभिभावक होना जरूरी है।
ऐसे में पैरेंट्स को सिर्फ टेक्निकल कंट्रोल ही नहीं संभालना पड़ेगा, बल्कि लाइव के दौरान बच्चों की एक्टिविटी पर नजर भी रखनी होगी। इस बदलाव से बच्चों की ऑनलाइन सेफ्टी बेहतर होगी। बहुत बार देखा गया है कि बच्चे बिना किसी गाइडेंस के लाइव आ जाते हैं और कभी-कभी गलत कंटेंट या अनजान लोगों के साथ इंटरैक्शन कर बैठते हैं।
YouTube का ये कदम ऐसे रिस्क को कम करेगा। साथ ही, इससे परिवारों में एक नया डिजिटल तालमेल भी देखने को मिलेगा। पैरेंट्स और बच्चे मिलकर लाइवस्ट्रीमिंग प्लान कर सकते हैं, कोई क्रिएटिव कंटेंट बना सकते हैं या फिर अपनी रोजमर्रा की लाइफ का हिस्सा लोगों से शेयर कर सकते हैं।
यह है फायदें
जब परिवार के सदस्य एक साथ लाइवस्ट्रीमिंग करते हैं तो इसके कई फायदे निकलकर सामने आते हैं। सबसे बड़ी बात ये होती है कि इससे बच्चों की सुरक्षा बनी रहती है क्योंकि पूरा प्रोसेस पेरेंट्स की निगरानी में होता है। खासकर आजकल के डिजिटल जमाने में, बच्चों को ऑनलाइन एक्सपोजर तो मिल रहा है लेकिन उसके साथ कई तरह के रिस्क भी जुड़े रहते हैं। ऐसे में अगर पूरा परिवार साथ में लाइव आता है तो वो एक तरह से सेफ एनवायरनमेंट तैयार कर सकते हैं।
इसके अलावा ये एक नया तरीका भी बन जाता है जिसमें परिवार एक साथ क्वालिटी टाइम बिता सकता है। जैसे पहले लोग पिकनिक पर या पार्क में साथ में टाइम बिताते थे, वैसे ही अब डिजिटल प्लेटफॉर्म पर साथ में एक्टिविटी करना एक ट्रेंड बनता जा रहा है।
ऐसे परिवार जो YouTube या दूसरे डिजिटल प्लेटफॉर्म को सिर्फ एंटरटेनमेंट के लिए नहीं बल्कि रचनात्मक कामों के लिए इस्तेमाल करते हैं, उनके लिए ये तरीका काफी फायदेमंद है। वो अपनी क्रिएटिविटी भी शेयर कर सकते हैं और साथ ही दर्शकों से जुड़कर पॉजिटिव कम्युनिटी भी बना सकते हैं।
करना पड़ेगा इन चुनौतियों का सामना
जब आप लाइव होते हो, तो जो कुछ भी आप बोलते या दिखाते हो, वो उसी वक्त पूरी दुनिया देख और सुन सकती है। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल आता है प्राइवेसी का। माता-पिता और बच्चों के बीच इस बात को लेकर क्लियर बात होनी चाहिए कि कौन-सी बातें और पल कैमरे पर दिखाए जा सकते हैं और कौन-सी चीजें पर्सनल ही रखनी चाहिए। क्योंकि लाइव का मतलब ये नहीं कि हर छोटी-बड़ी बात सबके साथ शेयर की जाए।
इसके अलावा, लाइवस्ट्रीमिंग करते समय ये भी ध्यान रखना जरूरी है कि आपका कंटेंट मजेदार और एंटरटेनिंग तो रहे, लेकिन किसी भी हालत में YouTube की गाइडलाइंस का उल्लंघन न हो। अगर गाइडलाइंस फॉलो नहीं की गईं, तो चैनल पर पेनल्टी या बैन भी लग सकता है।
YouTube ने जो नया नियम निकाला है, उसका मकसद बच्चों को ऑनलाइन खतरों से बचाना है, खासकर साइबरबुलिंग और अजनबियों के गलत कमेंट्स से। इसलिए लाइव चैट को कंट्रोल में रखना और जरूरत पड़ने पर उसे बंद कर देना भी एक सही तरीका है।
एक्सपर्ट्स भी यही कहते हैं कि फैमिली कंटेंट पोस्ट करने से पहले घर में सबकी राय लेनी चाहिए और अपनी कुछ पर्सनल लिमिट्स सेट करनी चाहिए। इससे ना सिर्फ बच्चों की सेफ्टी बनी रहती है बल्कि परिवार के बीच आपसी समझ और सम्मान भी बना रहता है।