बहुत कम लोगों को पता होता है कि 2 जुलाई को हर साल World UFO Day यानी विश्व यूएफओ दिवस के तौर पर मनाया जाता है। ये दिन खासतौर पर उन रहस्यमयी चीज़ों के बारे में बात करने और सोचने का मौका देता है, जो आसमान में उड़ती तो हैं लेकिन जिनकी पहचान अब तक नहीं हो पाई है।
World UFO Day का मकसद सिर्फ यह नहीं कि हम एलियंस की कहानियों में खो जाएं, बल्कि इसका असली उद्देश्य है लोगों को खगोल विज्ञान, ब्रह्मांड और एलियन लाइफ के बारे में सोचने और चर्चा करने के लिए प्रेरित करना। कई लोग इस दिन टेलीस्कोप से आसमान को देखते हैं, सेमिनार्स में हिस्सा लेते हैं या फिर सोशल मीडिया पर अपने विचार शेयर करते हैं।

जानिए क्या होता है UFO
जब हम ‘यूएफओ’ यानी Unidentified Flying Object की बात करते हैं, तो इसका मतलब होता है ऐसी उड़ती चीज जो देखी तो जाती है, लेकिन उसकी पहचान साफ नहीं हो पाती। मतलब न तो पता चलता है कि वो प्लेन है, ड्रोन है या कुछ और। बस इतना पता चलता है कि कुछ हवा में उड़ता हुआ दिखा है, जो जाना-पहचाना नहीं है।
ऐसे कई मामले सामने आए हैं जहां लोगों ने आसमान में कुछ अजीब सी उड़ती चीजें देखी हैं और कहा है कि शायद वो कोई उड़ती तश्तरी थी। ये दावे कोई नए नहीं हैं। सदियों से लोग ऐसे sightings के बारे में बताते आए हैं।

इस कारण से 2 जुलाई को मनाया जाता है UFO Day
World UFO Day मनाने के लिए 2 जुलाई को इस लिए चुना गया क्योंकि साल 1947 में अमेरिका के रॉजवेल नाम की जगह पर एक अजीब सी उड़ने वाली वस्तु गिरने की खबर आई थी।
कहा जाता है कि ये कोई आम विमान नहीं था, बल्कि एक यूएफओ यानी Unidentified Flying Object था। उस घटना के बाद से ही दुनियाभर में यूएफओ को लेकर चर्चा तेज हो गई और लोगों की दिलचस्पी भी बढ़ने लगी। World Unidentified Flying Object Day मनाया जाने लगा।
World UFO Day का महत्व
हर साल जब World UFO Day आता है, तो लोग सिर्फ उड़न तश्तरियों की बातें ही नहीं करते, बल्कि उस सवाल पर भी सोचते हैं जो हमें बरसों से परेशान करता आया है, क्या हम इस ब्रह्मांड में अकेले हैं।
ये दिन इसलिए खास है क्योंकि ये लोगों को खुलकर बात करने का मौका देता है उन चीज़ों पर जो आम तौर पर सीरियसली नहीं ली जातीं. जैसे एलियन्स का वजूद, ब्रह्मांड में दूसरी सभ्यताओं की मौजूदगी और UFOs को लेकर बन रही theories
World UFO Day हमें सोचने पर मजबूर करता है कि क्या वाकई इंसान ही इकलौती समझदार सभ्यता है या फिर कहीं और भी ऐसी ज़िंदगियां हैं जो हमारी तरह सोचती और समझती हैं।
इस दिन का मकसद सिर्फ UFO sightings को सेलिब्रेट करना नहीं है, बल्कि scientific सोच, imagination और एक open-minded discussion को बढ़ावा देना भी है। ये curiosity को जगाता है और इस बात पर ज़ोर देता है कि ब्रह्मांड बहुत बड़ा है, और हो सकता है उसमें बहुत कुछ ऐसा हो जो अभी हमारी समझ से बाहर है।

दुनिया भर में इन-इन जगहाओं पर देखे गए UFO
2023 की एक ताजा घटना ने सबका ध्यान खींचा जब इंफाल हवाई अड्डे के पास एक ‘अज्ञात उड़न वस्तु’ नजर आई। इसकी जानकारी मिलते ही भारतीय वायु सेना एक्टिव हो गई और तुरंत दो राफेल फाइटर जेट्स भेजे गए। पहले विमान को कुछ भी नहीं मिला और वो वापस लौट आया।
इसके बाद दूसरा विमान भेजा गया, लेकिन वो भी किसी तरह की उपस्थिति दर्ज किए बिना बेस पर लौट आया। मतलब कुछ दिखा तो ज़रूर था, लेकिन उसका कोई सबूत नहीं मिला। 2007 में भी एक रहस्यमयी घटना हुई थी, जब सुबह 3:30 से 6:30 के बीच एक अजीब सी चीज़ को कैमरे में रिकॉर्ड किया गया।
उसकी शक्ल बार-बार बदल रही थी कभी वो एक गोले जैसी दिखी, फिर त्रिकोण बन गई और आखिर में सीधी लाइन में बदल गई। ऐसी घटनाएं लोगों को और भी ज्यादा सोचने पर मजबूर कर देती हैं कि क्या हम इस ब्रह्मांड में अकेले हैं। अब बात करें सबसे मशहूर केस की, तो वो है 1947 में अमेरिका के न्यू मैक्सिको के रोसवेल की।
वहां एक खेत में एक अज्ञात उड़न वस्तु क्रैश हो गई थी। शुरू में US आर्मी ने इसे मौसम का गुब्बारा बताया, लेकिन 1970 के दशक में यूएफओ रिसर्च करने वालों ने दावा किया कि ये दरअसल एक एलियन स्पेसक्राफ्ट था। इस पर आज भी डिबेट होती रहती है और कई लोग मानते हैं कि सरकार ने सच्चाई को छिपाने की कोशिश की थी।
इनके अलावा भी दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में समय-समय पर यूएफओ देखे जाने के दावे सामने आते रहते हैं। कई बार तो लोग वीडियो या फोटो भी शेयर करते हैं, लेकिन पक्के सबूत मिलना अभी बाकी है। यूएफओ की कहानियां सुनने में जितनी मजेदार लगती हैं, उतनी ही रहस्यमयी भी होती हैं। क्या ये सब केवल भ्रम है या वाकई में हमारे अलावा भी कोई है? इसका जवाब तो फिलहाल हमारे पास नहीं है, लेकिन दिलचस्पी जरूर बनी हुई है।