World Bamboo Day 2024 Theme| आखिर 18 सितंबर को क्यों मनाया जाता है ‘विश्व बांस दिवस’, जानें इतिहास और महत्व
World Bamboo Day 2024 Theme: हर साल 18 सितंबर को दुनियाभर में ‘विश्व बांस दिवस’ (World Bamboo Day) मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य विश्वभर में बांस की विविधता, उपयोगिता और संरक्षण के प्रति लोगों को जागरुक करना है। दुनियाभर में बांस की हजारों प्रजातियां पाई जाती हैं, जिनका इस्तेमाल कई तरह के कामों में होता है।
बांस जहां एक ओर किसानों के लिए आय का एक बेहतर माध्यम वहीं पर्यावरण के दृष्टि से भी लाभदायक होता है। ऐसे में बांस के संरक्षण और महत्व के प्रति लोगों को जागरुक करना बेहद आवश्यक है और इसी के लिए 18 सितंबर को ‘विश्व बांस दिवस’ (World Bamboo Day 2024 Theme) मनाया जाता है। तो आइए जानते हैं इसके इतिहास, महत्व और थीम के बारे में –
इतिहास (World Bamboo Day History)
‘विश्व बांस दिवस’ (World Bamboo Day 2024 Theme) हर साल 18 सितंबर को मनाया जाता है, ताकि विश्व स्तर पर विकास और पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देने में बांस की महत्वपूर्ण भूमिका के बारे में लोगों की जागरूकता बढ़ाई जा सके। हालांकि इस दिन को मनाने की शुरूआत साल 2009 में हुई थी। दरअसल, ‘विश्व बांस दिवस’ की स्थापना साल 2009 में बैंकॉक, थाईलैंड में आयोजित 8वें विश्व बांस कांग्रेस के दौरान की गई थी।
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इस कांग्रेस का उद्देश्य आर्थिक, पारिस्थितिक और सांस्कृतिक तौर पर बांस के महत्व को शामिल करना और इसका व्यापक उपयोग और संरक्षण करना था। जाहिर तौर पर दुनियाभर में बांस की लगभग 1500 प्रजातियां पाई जाती हैं, जिनमें से महज कुछ हीं किसानों के इस्तेमाल में आती हैं। ऐसे में बांस का संरक्षण विश्व स्तर पर बेहद जरुरी है।
उद्देश्य और लक्ष्य (World Bamboo Day Importance)
आपको बता दें कि ‘विश्व बांस दिवस’ (World Bamboo Day 2024 Theme) विश्नव स्तर पर बांस की उपयोगिता और महत्व के बारे में लोगों को जागरुक करने का एक सुनहरा अवसर है। पेड़ों के विपरीत, बांस बहुत तेज़ी से बढ़ता है और इसे बढ़ने के लिए किसी प्रकार के खाद या खनीज की जरुरत नहीं पड़ती है। हालांकि इसके बावजूद इसके अपने फायदे हैं और कई मामलों में ये लोगों के लिए काफी उपयोगी साबित होता है।
- बांस को मज़बूत और लचीला होने के लिए जाना जाता है, जो इसे कई चीज़ों के लिए उपयोगी बनाता है।
- बांस का इस्तेमाल घर बनाने, फर्नीचर बनाने, औज़ार बनाने और यहाँ तक कि कपड़े बनाने के लिए भी किया जाता है।
- बांस बहुत अधिक कार्बन डाइऑक्साइड को अवशोषित करता है, जिससे हवा साफ होती है। ऐसे में यह पर्यावरण के लिए भी बेहद अनूकुल होता है।
- बांस अन्य पेड़ों से ज्यादा ऑक्सीजन (लगभग 35 प्रतिशत ज्यादा) पैदा करता है, जो पर्यावरण में ऑक्सीजन को बढाने में मदद करता है।
- बांस बरसात के मौसम में अपनी जड़ों और तनों में बड़ी मात्रा में पानी इकट्ठा कर सकता है और सूखा पड़ने के दौरान मिट्टी, नदियों और नालों में पानी भेजकर एक जलाशय के रूप में काम करता है।
- बांस को वंश वृद्धि का प्रतीक माना जाता है। यहां तक कि भारत सरकार ने इसे ‘ग्रीन गोल्ड’ का भी दर्जा दे रखा है।
- बता दें कि भारत में फिलहाल 130 से ज्यादा बांस की प्रजातियां प्रचलन में हैं। यहां तक कि भारत में सबसे अधिक क्षेत्रफल में बांस की खेती होती है।
World Bamboo Day 2024 Theme
बता दें कि हर साल दुनियाभर में ‘विश्व बांस दिवस’ एक अलग थीम (World Bamboo Day 2024 Theme) के साथ मनाया जाता है। ऐसे में साल 2024 के लिए इस दिन की थीम है, “अगली पीढ़ी का बांस: समाधान, नवाचार और डिजाइन।”(Next Generation Bamboo: Solutions, Innovation and Design)। यह थीम बांस को आधुनिक और आविष्कारशील तरीकों से विभिन्न चुनौतियों का समाधान करने और हमारी दुनिया को बेहतर बनाने के लिए बांस के उपयोग पर जोर देता है।