National Hindi Diwas 2024 Theme| 14 सितंबर को क्यों मनाया जाता है हिंदी दिवस, जानें पूरा इतिहास और महत्व
National Hindi Diwas 2024 Theme: हिंदी हमारे देश भारत की राष्ट्र भाषा है, जिसे विश्वभर में लगभग 65 करोड़ लोग अपनी बोल-चाल की भाषा के रूप में इस्तेमाल करते हैं। र्तमान समय में अंग्रेजी एवं मंदारिन भाषा के बाद हिंदी तीसरी सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा है। ऐसे में हमारे इसी भाषा का सम्मान करने के लिए हर साल 14 सितंबर को ‘हिंदी दिवस’ (National Hindi Diwas) के रुप में मनाया जाता है।
वहीं साल 2024 हिंदी भाषा के लिए और भी खास है, क्योंकि इस साल हिंदी को आधिकारिक भाषा के रूप में मान्यता दिए जाने की 75वीं वर्षगांठ मनाई जानी है। प्रति वर्ष इस दिन (National Hindi Diwas 2024 Theme) पर स्कूल/ कॉलेज के साथ ही जगह जगह पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है और हिंदी के महत्व और आवश्यकता के बारे में बच्चों को जागरुक किया जाता है। तो आइए जानते हैं हिंदी दिवस के इतिहास और महत्व के बारे में –
कब हुई थी ‘हिंदी दिवस’ मनाने की शुरूआत? (Hindi Diwas History)
आपको बता दें कि हिंदी भाषा (देवनागरी लिपि) को भारत की संविधान सभा में 14 सितंबर 1949 को देश की आधिकारिक भाषा के रूप में अपनाया गया था। यह निर्णय देश की भाषाई एकता को बढ़ावा देने के साथ-साथ भारत की भाषाई विविधता (National Hindi Diwas 2024 Theme) को मान्यता देने का एक प्रयास था।
हिंदी दिवस (Hindi Diwas 2024) को पहली बार 14 सितंबर 1953 को मनाया गया था, जिसका मुख्य उद्देश्य हिंदी भाषा के महत्व और इसके प्रचार-प्रसार को बढ़ावा देना था। इसके बाद से हीं हर वर्ष 14 सितंबर को ‘राष्ट्रीय हिंदी दिवस’ (National Hindi Diwas) मनाया जाता है। वहीं इसके अलावा प्रतिवर्ष 10 जनवरी को ‘विश्व हिंदी दिवस’ (World Hindi Diwas) के रूप में मनाया जाता है।
हिंदी भाषा का नाम कैसे पड़ा?
आप सभी ये जरुर जानते होंगे की 14 सितंबर 1949 को हिंदी (National Hindi Diwas 2024 Theme) को आधिकारिक भाषा का दर्जा मिला, लेकिन क्या आप जानते हैं कि हिंदी भाषा का नाम आखिर हिंदी ही क्यों पड़ा। इसके पीछे की कहानी 11 शताब्दी तक जाती है, जब फारसी बोलने वाले लोगों ने सिंधू घाटी के किनारे बोली जाने वाली भाषा को ‘हिंदी’ का नाम दिया था। ‘हिंदी’ शब्द खुद फारसी शब्द ‘हिंद’ से लिया गया है, जिसका अर्थ है सिंधु नदी की भूमि।
‘हिंदी दिवस’ का महत्व और उद्देश्य
‘हिंदी दिवस’ मनाने का सबसे प्रमुख उद्देश्य है देशभर हीं नहीं बल्कि विश्वभर में हिंदी भाषा का प्रचार करना। वहीं इसका एक उद्देश्य लोगों को हिंदी को अधिक स频त रूप से अपनाने और उपयोग करने के लिए प्रेरित करना भी है। यह दिन हिंदी साहित्य, कविता, और भाषा से संबंधित समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर का उत्सव भी है, जो हिंदी के भारतीय संस्कृति और पहचान में योगदान की याद दिलाने का अवसर प्रदान करता है।
इसके साथ हीं हिंदी दिवस के माध्यम से एक बहुभाषी देश में भाषाई एकता को महत्व दिया जाता है। यह भारतीय राष्ट्रवाद की भावना को प्रोत्साहित करने के साथ-साथ देश की विविध भाषाओं का सम्मान करने की प्रेरणा भी देता है। ‘हिंदी दिवस’ (National Hindi Diwas 2024 Theme) सरकारी कार्य, शिक्षा, और दैनिक संवाद में हिंदी के उपयोग को बढ़ावा देने का भी एक सुनहरा अवसर प्रदान करता है।
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कैसे मनाया जाता है ‘हिंदी दिवस’?
हमारे देश में हिंदी भाषा एक दूसरे से जोड़ने वाली मानी जाती है और इससे राष्ट्रीय एकता को भी मजबूती मिलती है। इसी के चलते इस दिन देश के साथ ही विदेशों में भी हिंदी भाषा में कार्यक्रम किये जाते हैं और लोगों को हिंदी भाषा के महत्व को समझाया जाता है। वहीं प्रति वर्ष इस दिन पर स्कूल/ कॉलेज के साथ ही जगह जगह पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है, जिसमें हमारे राष्ट्रभाषा के वर्षगांठ को धूम-धाम से सेलिब्रेट किया जाता है।
National Hindi Diwas 2024 Theme
आपको बता दें कि हर साल ‘राष्ट्रीय हिंदी दिवस’ को एक अलग थीम के साथ सेलिब्रेट किया जाता है, जो हिंदी के महत्व को लोगों के बीच उजागर करता है। ऐसे में साल 2024 के लिए ‘राष्ट्रीय हिंदी दिवस’ की थीम (National Hindi Diwas 2024 Theme) है, “हिंदी पारंपरिक ज्ञान से कृत्रिम बुद्धिमत्ता तक ” ( From traditional knowledge to artificial intelligence)।