United Nations Public Service Day

हर साल 23 जून को संयुक्त राष्ट्र लोक सेवा दिवस मनाया जाता है। इस दिन का मकसद उन लोगों की सराहना करना होता है जो समाज की भलाई के लिए पब्लिक सर्विस में काम करते हैं। ये वो लोग होते हैं जो बिना लाइमलाइट में आए, रोजमर्रा की जिंदगी को बेहतर बनाने में लगे रहते हैं चाहे वो हेल्थ वर्कर हों, टीचर, पुलिसकर्मी या कोई भी सरकारी कर्मचारी।

ये दिन 2003 में यूनाइटेड नेशंस जनरल असेंबली की एक स्पेशल मीटिंग में तय किया गया था, जिसे Resolution A/RES/57/277 के तहत मान्यता दी गई। इसका मकसद सिर्फ इतना नहीं है कि लोक सेवकों को सम्मान दिया जाए, बल्कि ये भी है कि पब्लिक सर्विस के जरिए एक बेहतर और ज्यादा विकसित समाज की ओर बढ़ा जाए।

इस दिन को मनाने का एक और बड़ा कारण ये भी है कि युवाओं को सरकारी सेवा यानी पब्लिक सेक्टर में करियर बनाने के लिए मोटिवेट किया जाए। जब बच्चे और युवा देखते हैं कि लोक सेवा के जरिए भी समाज में बड़ा बदलाव लाया जा सकता है, तो उनमें इस फील्ड को अपनाने का इंटरेस्ट बढ़ता है

संयुक्त राष्ट्र लोक सेवा दिवस का इतिहास

संयुक्त राष्ट्र लोक सेवा दिवस के इतिहास की बात करें तो इसी दिन 1978 में इंटरनेशनल लेबर ऑर्गनाइजेशन यानी ILO ने एक अहम समझौता अपनाया था, जिसका नाम था Convention No. 151। इसका मकसद था दुनियाभर के सिविल सर्वेंट्स यानी सरकारी कर्मचारियों की वर्किंग कंडीशन्स और उनके अधिकारों को तय करना।

ये एक तरह से लोक सेवकों के लिए एक इंटरनेशनल गाइडलाइन बनी, जिससे उन्हें एक बेहतर वर्क एनवायरमेंट देने की दिशा में काम शुरू हुआ। आज के समय में जब सरकारी व्यवस्था पर सवाल उठते हैं, ऐसे में ये दिन हमें याद दिलाता है कि कैसे कुछ लोग चुपचाप जनता की सेवा में जुटे होते हैं बिना किसी दिखावे के, सिर्फ ज़िम्मेदारी और सेवाभाव के साथ।

2025 संयुक्त राष्ट्र लोक सेवा दिवस के मौके पर कार्यक्रम का आयोजन

2025 के संयुक्त राष्ट्र लोक सेवा दिवस पर हम एक खास कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा हैं। इस कार्यक्रम की शुरुआत सुबह एक स्वागत समारोह से होगी, जहां सभी प्रतिभागियों का स्वागत फूलों, हल्की संगीत पृष्ठभूमि और कुछ उत्साहजनक संदेशों से किया जाएगा।

इसके बाद मुख्य आयोजन होगा, जिसमें पहला भाग होगा एक गोल बैठक, जहां अधिकारी बताएंगे कि लोक सेवाएं कैसे समाज में बदलाव लाती हैं। वे “हमारी भूमिका, हमारा योगदान” जैसे मुद्यों पर बात करेंगे। इसके बाद आएगी अन्य गतिविधियाँ, जैसे स्टूडेंट्स के लिए एक छोटा नाटक या कविता प्रतियोगिता जिसमें लोक सेवा पर केंद्रित विषय होंगे।

यह हिस्सा सर्वाधिक दर्शकों को आकर्षित करेगा क्योंकि इसमें युवा हिस्सा लेते हैं और उनके अनुभवों से हम सबको प्रेरणा मिलती है। यहाँ बच्चों को मंच मिलते ही उन्हें खुशी होती है और जहाँ आवाज उन तक पहुंचती है, वहीं बदलाव की नींव भी मजबूत होती है।

दोपहर में हम एक कार्यशाला का आयोजन करेंगे, जिसका विषय होगा डिजिटल लोक सेवा कैसे सुधार सकती है। इसमें छात्रों को मोबाइल ऐप्स, वेबसाइट्स और डिजिटल प्लेटफॉर्म के बारे में बताया जाएगा, जिनसे सरकारी सेवाएं आसान बन सकती हैं। इसे एक तरह का व्यावहारिक सत्र बनाया जाएगा, ताकि लोग अपने आसपास के डिजिटल टूल्स को समझ सकें।

शाम के समय एक पुरस्कार वितरण समारोह होगा, जहां हमने तय किया है कि वरिष्ठ नागरिकों, समाजसेवियों, स्कूल के स्टूडेंट्स और सरकारी कर्मचारियों को सम्मानित किया जाए। यह सम्मान उन लोगों को मिलेगा जिन्होंने अपने काम से समाज के जनहित में योगदान दिया है। इससे लोगों का मनोबल बढ़ेगा और अन्य लोग भी इसी तरह योगदान देने प्रेरित होंगे।
इस पूरे आयोजन के दौरान एक फोटो वॉल बना होगा, जहां लोग अपने-अपनों के साथ फोटो लेकर इस दिन को यादगार बनाएंगे।

संयुक्त राष्ट्र लोक सेवा दिवस आयोजन का उद्देश्य

हर साल 23 जून को मनाया जाने वाला संयुक्त राष्ट्र लोक सेवा दिवस उन लोगों और संस्थाओं को सराहने का मौका होता है जो जनता की सेवा में बेहतरीन काम कर रहे हैं। लेकिन 2025 का आयोजन सिर्फ सम्मान तक सीमित नहीं रहेगा। इस बार फोकस है भविष्य की पब्लिक सर्विस को बेहतर और ज्यादा असरदार बनाने पर।

आज के दौर में टेक्नोलॉजी और इनोवेशन ने हमारे जीने का तरीका ही नहीं बदला, बल्कि सरकारों के काम करने के तरीके को भी पूरी तरह बदल दिया है। अब सवाल ये है कि आने वाले समय में पब्लिक सर्विस कैसी होनी चाहिए? क्या वो सिर्फ डिजिटल हो या इंसानी टच भी जरूरी है? इसी तरह के मुद्दों पर इस साल चर्चा होने वाली है।

इस आयोजन का मकसद है ये समझना कि कैसे टेक्नोलॉजी और इनोवेशन को सही दिशा में इस्तेमाल करके हम पब्लिक सर्विस को ज्यादा असरदार बना सकते हैं। खासकर तब, जब पूरी दुनिया 2030 तक Sustainable Development Goals यानी SDGs को पूरा करने की कोशिश कर रही है।

इस साल की थीम में ये बात भी शामिल है कि नई तकनीकों जैसे AI, डेटा एनालिटिक्स और स्मार्ट सर्विस डिलीवरी मॉडल को कैसे जनता के भले के लिए यूज किया जाए। साथ ही इस पर भी बात होगी कि सरकारी संस्थानों को इन बदलावों के लिए कैसे तैयार किया जाए, ताकि वे आने वाले चैलेंजेस का सामना कर सकें।

असल में, 2025 का लोक सेवा दिवस एक तरह से फ्यूचर प्लानिंग का प्लेटफॉर्म है। यहां सरकारें, नीति निर्माता और टेक एक्सपर्ट मिलकर इस बात पर चर्चा करेंगे कि आने वाली पीढ़ियों को एक बेहतर, समावेशी और टिकाऊ पब्लिक सर्विस कैसे दी जा सकती है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *